Bilaspur News: एक्शन में सरकार- करोड़ों की शासकीय भूमि को वापस लिया सरकार ने, लीजधारक व बिल्डर के खिलाफ FIR
बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में सरकारी जमीनों की अफरा-तफरी का मामला कुछ ज्यादा ही है। प्राइम लोकेशन की 2.13 एकड़ जमीन जो कुदुदंड में स्थित है, इस जमीन का भूमाफिया ने पहले लीज नवीनीकरण कराया और उसके बाद इसे 54 टुकड़ाें में बांटकर बेच दी। लीज की शर्तों का उल्लंघन करने के आरोप में कलेक्टर के निर्देश पर लीज निरस्त कर दिया गया है। शासकीय भूखंड का वापस शासकीय मद में दर्ज कर दिया गया है। राजस्व रिकार्ड में दुरुस्तीकरण के साथ ही अब यह जमीन एक बार फिर राजस्व रिकार्ड में शासन की हो गई है।
कुदुदंड की दो एकड़ 13 डिसमिल जमीन पर अवैध प्लाटिंग की गई थी। इस जमीन को भूपेंद्र राव तामस्कर को लीज में दी गई थी। जमीन की लीज 2015 में खत्म होने पर 31 मार्च 2045 तक लीज की अवधि लीजधारक के आवेदन पर बढ़ा दी गई थी।नवीनीकरण के बाद भूपेंद्र राव तामस्करनिवासी तिलक चाटापारा ने आवासीय प्रयोजन के लिए दी गई नजूल भूमि को बिना अनुमति और बिना भवन अनुज्ञा के टुकड़ों में बेच दिया गया। 92980 वर्ग फुट नजूल भूमि में ना तो नगर निगम से अनुमति ली गई ना ही टाउन एंड कंट्री प्लानिंग से ले आउट पास कराया गया। जरुरी दिशा शर्तों की अनदेखी करते हुए उप पंजीयक ने सभी 54 टुकड़ों की रजिस्ट्री कर दी।
0 आवासीय प्रायोजन के लिए नवीनीकरण कराने के बाद टुकड़ों में बेच दी जमीन
नजूल की जमीन की टुकड़ों में की गई बिक्री का नामांतरण भी पूर्व सरकार के आदेश से कर दिया गया। बता दें कि नगर निगम कमिश्नर ने नामांतरण पर रोक लगाते हुए इस संबंध में पत्र भी लिखा था। नजूल की करोड़ों की जमीन बेचने का मामला संज्ञान में आने के बाद कलेक्टर ने संयुक्त कलेक्टर मनीष साहू की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय जांच टीम गठित की थी। जांच टीम ने बताया था कि 30 साल के लिए नवीनीकरण आवासीय प्रयोजन के लिए किया गया था। इसके बाद भी इसे 54 टुकड़ों में बांटकर बेच दिया है।
0 लीजधारक भूपेंद्र तामस्कर व बिल्डर राजेश अग्रवाल के खिलाफ एफआईआर
इस पूरे मामले में लीज धारक भूपेंद्र राव तामस्कर और बिल्डर राजेश अग्रवाल के खिलाफ कलेक्टर के निर्देश पर नजूल तहसीलदार शिल्पा भगत ने सिविल लाईन थाने में अपराध दर्ज करवाया है। भूपेंद्र राव तामस्कर ने 22 अक्टूबर 2020 को राजेश अग्रवाल से 13 करोड़ रूपये में उक्त भूमि को बेचने का सौदा किया था। इकरारनामा में राजेश कुमार अग्रवाल द्वारा उक्त भूमि को पूर्ण रूप से विकसित कर रोड, नाली एवं बाउंड्रीवॉल, बिजली पानी की व्यवस्था करने के अलावा विभिन्न विभागों से जरुरी अनुमति लेने व ले आउट पास कराने के बाद टुकड़ों में बेचने जैसी शर्तें भी रख दी थी।
0 54 खरीददारों पर गहराया संकट, गाढ़ी कमाई का बड़ा हिस्सा डुबने का डर
लीज निरस्त हाेने के बाद जिन लोगों ने जमीन खरीदी है अब उसके सामने बड़ा संकट खड़ा हो गया है। जीवन भर की गाढ़ी कमाई का बड़ा हिस्सा लगाकर जमीन खरीदी थी। लीज निरस्त होने के साथ ही रजिस्ट्री शून्य करने की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गई है। अब इनको ना जमीन मिलेगी और ना ही पैसा। जिला प्रशासन सभी रजिस्ट्री शून्य करने सिविल कोर्ट में वाद दायर करने की तैयारी शुरू कर दी है। जिन लोगों ने जमीन खरीदी है अब वे कोर्ट जाने की तैयारी कर रहे हैं।