Greenfield Expressway: भारत में बनने जा रहे ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस वे: देशभर में कनेक्टिविटी का नया युग…

Greenfield Expressway: भारत में बनने जा रहे ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस वे: देशभर में कनेक्टिविटी का नया युग…

Greenfield Expressway: देशभर में एक्सप्रेस वे के निर्माण की रफ्तार बढ़ रही है, जिसका मुख्य उद्देश्य कनेक्टिविटी को बेहतर बनाना है। ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस वे, सामान्य एक्सप्रेस वे से अलग होते हैं, और इनका निर्माण हरे-भरे क्षेत्रों में किया जाता है। इन नए एक्सप्रेस वे के बनने से सफर के समय में भारी कमी आएगी, जिससे न केवल यात्रा सुगम होगी बल्कि स्थानीय विकास में भी तेजी आएगी।

भारत में कनेक्टिविटी सुधारने के लिए नए-नए एक्सप्रेस वे का निर्माण किया जा रहा है। इस समय ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस वे पर खास ध्यान दिया जा रहा है। ये एक्सप्रेस वे शहरों से बाहर हरे-भरे क्षेत्रों में बनाए जाते हैं, जिससे यातायात के दबाव को कम किया जा सकता है। इनकी खासियत यह है कि इन पर गति सीमा 120 किलोमीटर प्रति घंटा तक होती है, जिससे लंबी यात्रा को छोटा किया जा सकता है।

देश में बनाए जा रहे प्रमुख ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस वे

आगरा-अलीगढ़ ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस वे

उत्तर प्रदेश में आगरा और अलीगढ़ के बीच 65 किलोमीटर लंबा ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस वे बनने जा रहा है। इसकी लागत करीब 3200 करोड़ रुपये आएगी और निर्माण कार्य 2025 में शुरू होगा। इस एक्सप्रेस वे के बनने से आगरा से अलीगढ़ पहुंचने में ढाई घंटे के बजाय महज एक घंटा लगेगा।

FNG एक्सप्रेस वे

दिल्ली-एनसीआर की यात्रा करने वाले लोगों के लिए राहत की खबर है। FNG (फरीदाबाद-नोएडा-गाजियाबाद) एक्सप्रेस वे से यात्रा का समय घटेगा और रियल स्टेट क्षेत्र में भी तेजी से विकास की संभावना है।

ग्वालियर-आगरा ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस वे

मध्य प्रदेश के ग्वालियर और उत्तर प्रदेश के आगरा के बीच 88.4 किलोमीटर लंबा ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस वे बनाने की योजना है। इसके बनने से इन दोनों राज्यों के बीच कनेक्टिविटी में सुधार होगा और यात्रा का समय भी कम हो जाएगा। इसके अलावा, इस एक्सप्रेस वे से उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और राजस्थान के बीच भी कनेक्टिविटी बेहतर होगी।

गाजियाबाद-कानपुर एक्सप्रेस वे

380 किलोमीटर लंबा ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस वे उत्तर प्रदेश के नौ जिलों को जोड़ने वाला है। यह एक्सप्रेस वे नोएडा से कानपुर की दूरी को घटाकर केवल साढ़े 3 घंटे कर देगा। इसमें अलीगढ़, कासगंज, फरूखाबाद, कन्नौज, हापुड़, बुलंदशहर और उन्नाव जैसे शहरों को जोड़ा जाएगा।

ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस वे की विशेषताएँ

ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस वे आमतौर पर हरे-भरे क्षेत्रों में बनाए जाते हैं, जिनकी संख्या भारत में बढ़ रही है। इनका निर्माण शहरों के बीच से न होकर खेतों और वन्य क्षेत्रों में होता है, जिससे ट्रैफिक का दबाव कम होता है। इन एक्सप्रेस वे पर 120 किलोमीटर प्रति घंटा की गति से वाहन चलाए जा सकते हैं, जो लंबी दूरी की यात्रा को कम समय में पूरा करने में मदद करता है।

इन नए ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस वे के बनने से यात्रा का समय तो कम होगा ही, साथ ही इससे देशभर में कनेक्टिविटी में भी सुधार होगा। ये एक्सप्रेस वे केवल यात्रा को ही आसान नहीं बनाएंगे, बल्कि साथ ही आर्थिक और सामाजिक विकास में भी मददगार साबित होंगे।

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