Liquor scam: छत्तीसगढ़ में शराब घोटाला- आधा दर्जन लोगों पर लटकी गिरफ्तारी की तलवार

Liquor scam: छत्तीसगढ़ में शराब घोटाला- आधा दर्जन लोगों पर लटकी गिरफ्तारी की तलवार

Liquor scam: बिलासपुर। कांग्रेस शासनकाल के सबसे चर्चित घोटालों में से एक शराब घोटाले की जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ती जा रही है, चौंकाने वाली जानकारी भी सामने आती जा रही है। ईडी के अफसर इस बात को लेकर हैरान हैं कि सिंडिकेट के जरिए संगठित अपराध को संचालित करने वालों ने और कितने लोगों और कितनी कंपनियों को घोटाले का साझेदार बनाकर इसे चलाते रहे हैं। ईडी की फाइल घोटाले की जांच करते-करते मोटी होती जा रही है। जैसे-जैसे जांच की दिशा आगे बढ़ रही है और अफसर कड़ाई बरत रहे हैं, नई जानकारी सामने आती जा रही है। जांच पड़ताल के दौरान मिली पुष्ट और दस्तावेजी जानकारी के आधार पर ईडी ने स्पेशल कोर्ट में शराब घोटाले में संलिप्तता के चलते आधा दर्जन से ज्यादा लोगों को आरोपी बनाने के संबंध में याचिका दायर कर अनुमति मांगी है। स्पेशल कोर्ट में ईडी की नई याचिका फाइल करने तथा और लोगों को घोटाले में शामिल होना बताते हुए आरोपी बनाने की अनुमति मांगे जाने के बाद से प्रदेश में एक बार फिर इस बात को लेकर सरगर्मी के साथ ही अटकलबाजी लगाई जा रही है कि ईडी के रडार में वे कौन आधा दर्जन लोग हैं जिनको आरोपी बनाने के लिए स्पेशल कोर्ट में याचिका फाइल की गई है। ईडी सूत्रों की मानें तो इसमें बड़े व्यवसायी से लेकर अलग-अलग क्षेत्रों से जुड़े लोग शामिल हैं। ये वही लोग हैं जो सिंडिकेट के लिए काम कर रहे थे, या यूं कहें कि उनके इशारे पर घोटाले के चेन को आगे बढ़ाने का काम कर रहे थे। नकली होलोग्राम, बाटलिंग से लेकर नकली होलोग्राम वाले शराब को प्रदेश के एक हिस्से से दूसरे हिस्से में पहुंचाने, वसूली करने और वूसली की गई राशि को सिंडिकेट के इशारे पर निश्चित ठिकाने पर पहुंचाने में मददगार बन रहे थे।

 तीन शराब डिस्टलरी भी ईडी के रडार पर

ईडी ने स्पेशल कोर्ट में आधा दर्जन लोगों के अलावा छत्तीसगढ़ की तीन डिस्टलरी को भी आरोपी बनाने के संबंध में याचिका दायर की है। ईडी की इस याचिका पर स्पेशल कोर्ट में 20 दिसंबर को सुनवाई होनी है।

 ईडी के पक्ष में आया फैसला तो होगी धड़ाधड़ गिरफ्तारी

ईडी सूत्रों की मानें तो स्पेशल कोर्ट का फैसला ईडी के पक्ष में आया तो प्रदेश में एक बार फिर शराब घोटाले के आरोपियों की गिरफ्तारी का दौर चलेगा। तब चौंकाने वाले नाम और चेहरे भी सामाने आएंगे। जिसकी चर्चा अभी से ही शुरू हो गई है।

 ये है छत्तीसगढ़ के तीन शराब डिस्टलरी, ईडी के है निशाने पर

छत्तीसगढ़ में ढाई हजार करोड़ से अधिक के शराब घोटाले मामले में ED ने भाटिया, वेलकम और केडिया वाइन डिस्टलरी को आरोपी बनाने ईडी की स्पेशल कोर्ट में याचिका पेश किया है। स्पेशल कोर्ट ने ईडी की याचिका को स्वीकार कर लिया है। ईडी की इस नई याचिका पर सुनवाई करने के लिए स्पेशल कोर्ट ने 20 दिसंबर की तिथि तय कर दी है। ईडी ने छत्तीसगढ़ की जिन तीन डिस्टलरी को आरोपी बनाने स्पेशल कोर्ट में याचिका दायर की है उसमें से एक बिलासपुर व एक मुंगेली व एक दुर्ग जिले में संचालित की जा रही है।

 शराब घोटाले के सिंडिकेट

राज्य शासन ने हाई कोर्ट में आरोप लगाया कि पूर्व आईएएस टूटेजा, अरुणपति त्रिपाठी और अनवर ढेबर के साथ सिंडिकेट का मुख्य व्यक्ति है। यह स्पष्ट है कि याचिकाकर्ता शराब घोटाले के मुख्य आरोपियों में से एक है और उसने सरकारी अधिकारी होने के नाते अपने पद का दुरुपयोग किया और अन्य आरोपियों के साथ शराब की अवैध बिक्री में शामिल रहा।

 सिंडिकेट के सदस्यों के साथ मिलकर सरकारी खजाने को पहुंचाया नुकसान

पूर्व आईएएस टूटेजा पर राज्य सरकार ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि सह-आरोपियों के साथ मिलकर राज्य के खजाने को भारी वित्तीय नुकसान पहुंचाया है और अपराध की अनुमानित आय लगभग 1660,41,00,056/- रुपये है। यह बहुत बड़ी अघोषित धनराशि और सिंडिकेट के माध्यम से अर्जित अनुपातहीन संपत्ति है, जिससे राज्य के खजाने को नुकसान पहुंचा है और जिसके लिए वर्तमान आवेदक के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 और 12 के तहत कार्यवाही दर्ज की गई है।

 घाेटाले के ये मास्टर माइंड

छत्तीसगढ़ में ढाई हजार करोड़ से भी अधिक का शराब घोटाला हुआ है। अनवर ढेबर, रिटायर्ड IAS अनिल टुटेजा, छत्तीसगढ़ स्टेट मार्केटिंग कॉर्पोरेशन लिमिटेड (CSMCL) के पूर्व MD अरूणपति त्रिपाठी, तत्कालीन आबकारी आयुक्त निरंजन दास, प्रिज्म होलोग्राफी कंपनी के डायरेक्टर विधु गुप्ता, प्रिज्म होलोग्राफी कंपनी के अकाउंटेंट सुनील दत्त और प्रिज्म होलोग्राफी सिक्योरिटी फ़िल्म्स प्राइवेट लिमिटेड के स्टेट हेड दिलीप पांडे पर छत्तीसगढ़ के नकली होलोग्राम मामले का आरोप है।

 प्रिज्म होलाग्राफी ने छत्तीसगढ़ की डिस्टिलरियों को उपलब्ध कराया नकली होलोग्राम

शराब घोटाले में लगाए गए आरोप के मुताबिक प्रिज्म होलोग्राफ़ी कंपनी के मालिक विधु गुप्ता ने वर्ष 2019 से 2022 के बीच छत्तीसगढ़ की डिस्टिलरियों को नकली होलोग्राम उपलब्ध कराए थे। नकली होलोग्राम को अवैध शराब की बोतलों पर चिपकाया जाता था। इसके बाद, इन बोतलों को फर्ज़ी ट्रांज़िट पास के साथ CSMCL की दुकानों तक पहुंचाया जाता था। यह सब करने के लिए छत्तीसगढ़ में एक संगठित गिरोह सुनियोजित तरीके से काम कर रहा था। संगठित गिरोह ने राज्य सरकार के खजाने को भारी नुकसान पहुंचाया है।

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