IAS News: अन्य सर्विस के लोग भी अब बनेंगे आईएएस, हाई कोर्ट ने आरएएस एसोसियेशन की अपील की खारिज, 5 लाख का जुर्माना भी ठोका

IAS News: जयपुर। राजस्थान हाई कोर्ट ने एक अहम फैसला देते हुए गैर राज्य प्रशासनिक सेवा के लोगों को भारतीय प्रशासनिक सेवा में प्रमोशन देने का रास्ता साफ कर दिया है. राजस्थान राज्य प्रशासनिक सेवा एसोसियेशन ने अन्य सेवा के आईएएस बनने का विरोध करते हुए हाई कोर्ट में याचिका लगाई थी. कोर्ट ने आरएएस की अपील खारिज की ही, साथ ही कोर्ट का टाईम खराब करने पर एसोसियेशन पर पांच लाख रुपए का जुर्माना ठोक दिया है.
तीन साल से लगी थी रोक
दरअसल, आरएएस एसोसिएशन ने साल 2023 में राजस्थान हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की थी. आरएएस परिषद व प्रशासनिक सेवा के 22 अधिकारियों ने यह याचिका दायर की थी. याचिकाकर्ताओं का कहना था आईएएस में प्रमोशन के लिए अन्य सेवाओं से अफसर लेने से आपत्ति जताई थी. याचिकाकर्ता आरएएस एसोसिएशन ने कहा था कि ऑल इंडिया सर्विस एक्ट व उसके नियम-विनियम के तहत 66.67 प्रतिशत सीधी आईएएस भर्ती से और विशेष परिस्थिति में 33.33 प्रतिशत राज्य के प्रशासनिक अफसरों की पदोन्नति से भरे जाने का प्रावधान है.
इसके साथ ही 33.33 प्रतिशत कोटे में से 15 प्रतिशत अन्य सेवाओं से ले सकती है. अर्थात अन्य सेवा के अफसरों से भरे जा सकते हैं. उन्हें प्रमोट कर आईएएस बनाया जा सकता है. लेकिन राज्य सरकार हर साल अन्य सेवा के अफसरों से आईएएस पद पर प्रमोशन किया जा रहा है. यह न केवल सेवा नियमों का उल्लंघन है. बल्कि राज्य के प्रशासनिक सेवा के अफसरों के लिए तय किए पदोन्नति के पदों पर भी अतिक्रमण है. इस याचिका के बाद साल 2023 में कोर्ट ने गैर आरएएस सर्विस से आईएएस में प्रमोट करने की नियम पर रोक लगा दी गई थी. पिछले तीन साल से गैर आरएएस के प्रमोशन पर रोक लगी हुई थी.
हाईकोर्ट ने क्या कहा
यह मामला हाईकोर्ट पंहुचा. इस मामले में 5 दिसंबर को न्यायाधीश पंकज भंडारी और न्यायाधीश शुभा मेहता की खंडपीठ ने सुनवाई की है. आरएएस एसोसिएशन की याचिका को खारिज कर दिया है. हाईकोर्ट ने याचिका को ख़ारिज करते हुए कहा , कि यह याचिका व्यक्तिगत हितों के चलते दायर की गई है. हाईकोर्ट ने आगे कहा, आरएएस एसोसिएशन की ओर से लगाई याचिका से लगता है कि यह केवल निजी स्वार्थ के चलते लगाई गई है. ऐसे में इस याचिका को रद्द की गयी है. साथ ही अन्य सेवा के आईएएस प्रमोशन की रोक भी अब हट गयी है. प्रमोशन पर तीन साल से रोक लगी हुई थी.
नॉन आरएएस अफसर का आईएएस में प्रमोशन नियमों के तहत ही किया जा रहा था. नियमों के अनुसार,15 प्रतिशत पदों पर नॉन आरएएस अधिकारियों का आईएएस में प्रमोशन किया जा सकता है. अन्य पदों पर आरएएस अधिकारियों को ही आईएएस में पदोन्नत किया जा रहा है. आरएएस एसोसिएशन की ओर से दायर याचिका से पता चलता है यह केवल निजी स्वार्थ के लिए हैं. जिसके बाद कोर्ट ने आरएएस एसोसिएशन की याचिका रद्द कर दी है. इसके अलावा हाईकोर्ट ने कोर्ट का समय बर्बाद करने को लेकर आरएएस एसोसिएशन पर 5 लाख रुपए की जुरमाना लगाया है.
कैसे होता है आईएएस में प्रमोशन
बता दें, द इंडियन एडमिनिस्ट्रेटिव सर्विस (रिक्रूटमेंट) नियम 1954 के तहत राज्य सरकार राज्य प्रशासनिक सेवा या अन्य विभाग के अफसर का आईएएस मे प्रमोट कर सकती है. इसके लिए यूपीएससी को उन अफसरों का नाम भेजा जाता है. लेकिन उसके लिए कुछ नियम व् शर्तें होती हैं. चयनित अधिकारी को सेवा देते हुए 8 से 10 साल होने चाहिए. इसके साथ ही उस अधिकारी के खिलाफ कोई जांच या सेवाकाल के दौरान कोई आरोप पत्र नहीं होना चाहिए. इसके अलावा उस अधिकारी में विशेष योग्यता या उपलब्धि हासिल की हो.






