ICSC और ISC बोर्ड रिजल्ट, दून में शत प्रतिशत फीसदी पासिंग
काउंसिल फॉर द इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट एग्जामिनेशन (सीआईएससीई) की ओर से आईसीएसई (10वीं) और आईएससी (12वीं) का परिणाम रविवार को घोषित किया गया। इसमें ब्राइटलैंड स्कूल देहरादून के 10वीं के छात्र आदि गुप्ता ने 99.60 अंक हासिल कर प्रदेश में टॉप करने के साथ ऑल इंडिया रैंक में भी दूसरा स्थान हासिल किया। जबकि, 12वीं में तीस्ता द्विवेदी और नंदिनी जलान ने 99 फीसदी अंक हासिल कर संयुक्त रूप से उत्तराखंड में टॉप किया।
बोर्ड से संबद्ध दून के लगभग सभी स्कूलों का पासिंग प्रतिशत शत प्रतिशत रहा। 10वीं कक्षा में ऑल इंडिया रैंक में जगह बनाने में उत्तराखंड से एक ही छात्र ने सफलता प्राप्त की। जबकि, 12वीं में वैल्हम गर्ल्स की दो छात्राओं ने उत्तराखंड में टॉप किया। वैल्हम गर्ल्स की हिमांशी गुप्ता और ब्राइटलैंड की समृद्धि सेठी ने 98.75 फीसदी अंक हासिल कर प्रदेश में दूसरा स्थान हासिल किया। समर वैली स्कूल के हर्षवर्धन सैनी और ब्राइटलैंड स्कूल के वैभव बर्थवाल 98.5 फीसदी अंक हासिल कर तीसरे स्थान पर रहे।
दोपहर करीब तीन बजे जैसे ही रिजल्ट जारी हुआ छात्रों ने ऑनलाइन अपना रिजल्ट देखा और कुछ ही देर में जश्न मनाने स्कूल पहुंच गए। राजपुर रोड स्थित सेंट जोजफ्स, ब्राइटलैंट स्कूल, समर वैली, कॉन्वेंट ऑफ जीसस एंड मेरी स्कूल, द दून वर्ल्ड स्कूल, द हेरिटेज स्कूल समेत कई स्कूलों में बच्चे पहुंचे और सफलता का जश्न मनाया। छात्रों ने कहा कि उम्मीद के अनुसार नंबर आए हैं।
आईएससी (12वीं) के परिणाम जारी होने के बाद जहां एक ओर विज्ञान व कला वर्ग के छात्रों ने अपनी सफलता का जश्न मनाया। वहीं, वाणिज्य वर्ग के छात्रों ने कम नंबर आने पर मलाल भी जताया। छात्रों ने कहा कि वाणिज्य विषय में कम नंबर आने से रिजल्ट प्रतिशत पर असर पड़ा।
वाणिज्य वर्ग के छात्रों ने कहा कि उम्मीद के अनुसार नंबर नहीं आए। जिसके चलते उनके रिजल्ट का प्रतिशत कम हो गया। हालांकि, छात्रों ने इसका कारण बीते दो साल कोरोना में प्रभावित हुई पढ़ाई को भी बताया। छात्रों ने कहा कि जब वह 10वीं में थे तो उस समय बोर्ड परीक्षा रद्द हो गई थी।
जिसके चलते उन्हें बोर्ड परीक्षा का अनुभव नहीं था। ऐसे में इस साल जब बोर्ड परीक्षा हुई तो वाणिज्य का पेपर मुश्किल आने की वजह से अच्छा नहीं हुआ। कॉन्वेंट ऑफ जीसस एंड मेरी स्कूल की एक छात्रा ने बताया कि वाणिज्य विषय में अच्छे नंबर आए होते तो वह अपने स्कूल में टॉप करतीं।